हवाओं के झोंके संग

अभी अभी वो
हवाओं के झोंके संग
बदन छूवा है
सिहरन सी दौड़ गई
मुझे क्या हुआ है
अजीब सी तड़प है
बैचैनी भी उठती है
मेरे कदम ठिठक गए
मेरा हृदय
तेरे ख्यालों में खो गए
अभी अभी 
तेरी याद जो आई है !!
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