जब साथ तुम्हारा भी था

एक गुलाब हमारा भी था
जब साथ तुम्हारा भी था

मचलता था दिल ये मेरा
हर लम्हा हमारा भी था

बैचैनी उठती थी दिल में
तेरी गलियों से जाना भी था

आज भी तेरा साथ याद है मुझे
वो दर्द तेरा हमारा भी था
---राजकपूर राजपूत''राज''
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