न जाने क्या सोचते रहे

आसमॉं देखते रहे
न जाने क्या सोचते रहे
तेरी याद आती रही
रात गुजरती रही
लेकिन नींद नहीं आई
सिर्फ तनहाई आई
कुछ सुकून था दिल में
शायद तेरी यादें थी दिल में
इसलिए गुफ्तगू करते रहे
दिन के उजाले तक
चॉंद सितारों को ताकते रहे
आसमॉं देखते रहे
---राजकपूर राजपूत''राज''
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