मेरे प्यार की कहानी Story of My Love poem

Story of My Love poem

मेरे प्यार की कहानी अधूरी रही
उसकी खुशी में मेरी खुशी पूरी रही


माना वो आज भी मेरे करीब है
मगर रिश्तों के बीच में दूरी रही


केवल मिलने से कोई अपना नहीं होता
उसे पास आने में कुछ मजबूरी रही


मैं जानता हूॅं रिश्ते को चलाया जाता है
बेशक गले लगाया मगर अधूरी रही  !!!

Story of My Love poem


मेरे प्यार की कहानी अधूरी रही
जितना जाना उतनी दूरी रही

सम्हल कर चला हूॅं बहुत मगर
कदम- दो- कदम पर चोट जरूरी रही

अभी तुम हंसते हो मेरे हालातों पे
मैं भी हंसा हूं लेकिन मेरी हंसी अधूरी रही

चाहता हूं उसे बहुत मगर
वो कटा कटा सा है मेरी चाहत अधूरी रही !!!

मेरे प्यार की कहानी
ठहर गई जिंदगानी
वो आकर चली गई
प्यासा बन बैठा मैं
बिन पानी !!!

अब जिंदगी ऐसी ही चलेगी
अकेली
विरान सी
जहां रंग भरने के लिए
मुझे बहाना ढूंढना पड़ेगा !!!!

प्रेम हार कर भी खुश था
जिंदगी में कम-से-कम हिस्सा तो बना
कुछ दिन मिल के छूट गया
जीने के लिए
कुछ दर्द तो मिला !!!!

सोचता हूं चला जाऊं
तेरी जिंदगी से
तुने मोहब्बत
ठुकरा दी मेरी !!!

अब वो खुश रहेगी
बिन मेरे उसकी जिंदगी रहेंगी !!!

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---राजकपूर राजपूत''राज''




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