फिर भी कोई ग़म नहीं

फिर भी कोई ग़म नहीं


टूट जाऊंगा हार जाऊंगा
फिर भी कोई ग़म नहीं

तुम जुड़ तो गए किसी से
ये खुशी भी तो कम नहीं

इश्क नहीं था तुम्हें मुझसे
बेवजह जुड़े थे कोई ग़म नहीं

आजकल मैं खुश हूं बहुत ये काफी है
कोई परवाह करें इसका मुझे ग़म नहीं

हां, तेरा इश्क ही था मुझे रूलाया बहुत
न मैं हंसता हूॅं न मैं रोता हूॅं अब कोई ग़म नहीं

-rajkapur rajput
मेरे गीत -साहित्य जीवन में कविता गजल कहानी लेख आदि पढ़ने को मिलेंगे


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