जिंदगी और वक्त Life and Times Article

Life and Times Article जिंदगी और वक्त-


ठीक वैसे ही जैसी  जिंदगी हमारी है  । जैसी हमारी सांसे चलती है और हम ध्यान नही रखते  कि कब हमने साँसे ली और छोड़ दी  ।  जिस पर हमारा जीवन निर्भर है  । हमने इसे कभी संभालने के लिए वक्त नहीं दिया । जबकि जिंदगी हमारी उपस्थिति को प्रमाणित करते हैं । जब तक है हमारा महत्व है । सांसें रूकी । जिंदगी का कोई मायने नहीं है । 

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वक्त और जिंदगी-


ठीक वैसे ही  वक्त है  । जो गुजरते जा रहे हैं  । हम कुछ करें या ना करें  । लेकिन वक्त बीतेगा  । धीरे- धीरे !! जितना हम समय का उपयोग करेंगे। हमारी जिंदगी पास रहेगी  ।समय को जिसने पहचाना उसने जिंदगी को जाना । समय की कीमत जिंदगी है । तो जिंदगी की कीमत समय है । जो दोनों में संतुलन बनाकर जीते हैं । वहीं जीवन को समझ पाते हैं । 

दूसरों की भांति खुश और अच्छा होना तो मेरे हिसाब से मुश्किल है । क्योंकि उनका अहसास हैं जो उसके पास है ।

इसलिए अपने हिसाब से खुश हुआ जा सकता है । अपनी अनुभूति से,, अपनी उपस्थिति बेहतर होती है । अपनी चाहत को पहचानें , उसे पाने का प्रयास करें । जिससे प्रेम है, लगाव है । वहीं काम करें । उसी के साथ रहें । सदा खुशी मिलेगी । दूसरों की बातें, दूसरों की सलाह,, मददगार साबित हो सकते हैं । लेकिन जिंदगी नहीं । जिस पर आंख मूंद कर भरोसा करें । 
-राजकपूर राजपूत

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