सफलता का 'राज' कुछ और है

कहते तो सब हैं


कहते तो सब हैं
मगर चलते कब हैं

किताबों में बंद हैं अच्छी बातें
उसे आजमाते कब हैं

इश्क आग का दरिया है
दीवाने जलते कब हैं

सुविधा की जिंदगी है
जिसे आजमाते सब हैं

सफलता का 'राज' कुछ और है
मगर जिसे बताते कब हैं
---राजकपूर राजपूत''
मेरे गीत -साहित्य जीवन में कविता गजल कहानी लेख आदि पढ़ने को मिलेंगे


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