उम्मीद तो हर दिन

उम्मीद तो हर दिन है 
और मेरी तलाश भी 
मेरी हर कोशिश यही कहती है
वो मुझे मिल ही जायेगी 
जिस दिन उम्मीदें टूटेगी है 
उसी दिन मेरी जिंदगी रुकेगी  
साल बीस -इक्कीस की बात नहीं है  
मैं सोचता हूँ  
मेरी कोशिश में कोई कमी न रहे
२ 
और हाॅऺ 
हर आदमी अपनी ही धुन में रहते हैं  
कुछ ख्यालों में ख्वाब बुनता है  
आदमी खुद का ही सुनता है 
जब भी बातें करते हैं
दिल की
विचार करता है
अपने ख़्वाबों को ख्यालों में
तौलता है
जिसके मिलान से
सुकून की उम्मीद रहती है
हर तलाश में
---राजकपूर राजपूत''राज''

 
  
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