उन्मादी है अब मन तेरा

काम की बात न करना
तेरा व्यर्थ में दौड़ते रहना

उन्मादी है अब मन तेरा
सवाल पे सवाल करना

दौड़ जाते हो दूसरों के पीछे
मानों तुझे कुछ मिल जाना

जी हुजूरी में क्या रक्खा है
सुबह शाम तेरा सलाम करना
---राजकपूर राजपूत''राज''
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