उसकी आंखें ही पहचान है
यहां जितने भी इंसान है
सोच ही उसकी पहचान है
चरित्र हैं उसकी आंखों में
सिर्फ़ दिखावे की जुबान है
मर जाती है संवेदनाएं उसकी
सियासत में जिसका ध्यान है
प्रवचन देना आसान है महराज
दबी कामनाओं से अनजान है
प्रसिद्धि मिलें ये जो लोग हैं ना
छल कपट में बहुत महान है
चल तू भी जमाने के साथ राज
ये तेरा दिल बड़ा ही नादान है
---राजकपूर राजपूत
0 टिप्पणियाँ