गलती आपकी है It's your Fault Poetry

It's your Fault Poetry

गलती आपकी है 


बांट देते हैं
लोगों को
उनके विचारों को
एक मिडिया
एक नेता
जो बुद्धिजीवी कहे जाते हैं
जो अपने इरादे 
छुपा कर
सियासत की
रोटियाॅ॑ सेकते हैं
और आप
बंट जाते हैं
उनके इरादों के अनुसार
क्योंकि आपके अंदर 
नफ़रत है
एक वर्ग विशेष में
या फिर समाज में
जिसे वो जिंदा रखा है
तुम्हारे अंदर
और उस घृणा को
लाभ में बदलना जानते हैं
जिसे आपने
कभी पुछा नहीं
न्याय क्या चीज़ है ?
वो इंसान क्या चीज़ है?
इसलिए...
गलती आपकी है
इस सारी व्यवस्था को
खराब करने की !!

बुद्धिजीवी जानते हैं
लोग किस भावनाओं को 
ज्यादा महत्व देते हैं
और उसकी भावनाएं
कब तेज हो जाती है
 इसी ज्ञान को 
तथाकथित बुद्धिजीवियों द्वारा
अपने एजेंडे में
शामिल कर
 बहलाना
सियासत बुद्धि है ।।

It's your Fault Poetry


गलती आपकी है

जो भरोसा करके
नेता, बुद्धिजीवी मान लिए है
किसी दूसरे को
स्वयं बन जाते
उन्हीं श्रेणी में तो
इनका एजेंडा स्थापित नहीं होते ।।।

गलती आपकी है
जो यकीन कर लिए
किसी की मीठी बातों पे
पिघल कर
शक्कर बन गए
अब कहों उस ओर
जहां ढलान मिल जाए !!!!
---राजकपूर राजपूत''राज''

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