कुछ कमी रह जाती है

कुछ कमी रह जाती है 


प्यार एक बार हो जाने के बाद भूला नहीं जा सकता है । उसकी याद हर हाल में हृदय के अंतरतम गहराई में अंकित हो जाती है । जो रह रह कर स्मरण होता है । 

कविता प्रेम की 👇👇


आज भी मुझे
ये नजारे ये बहारें
लगते हैं प्यारे
आज भी तुम्हें
देख के
मेरा दिल धड़कता है
तेरे लिए तरसता है
मेरी तनहाई टूट जाती है
मेरी ऑ॑खें भर आती है
तेरी याद में
तेरे ख्याल में
कुछ ख़्वाब सजा लेता हूॅ॑
तेरी यादों में जी लेता हूॅ॑
हालांकि जागी ऑ॑खें
प्यासी रह जाती है
तेरे बिना मेरे जीवन में
कमी रह जाती है
---राजकपूर राजपूत''
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