शाम गुजर जाएगी तेरे हिसाब में

शाम गुजर जाएगी तेरे हिसाब में
बता जिंदगी क्या है तेरे किताब में

भटकता रहा दिनभर तेरी तलाश में
नहीं मिले तुम कई रंग है तेरे लिबास में
---राजकपूर राजपूत''राज''
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