प्यार वो फूल है

हाॅ॑ प्यार वो फूल है
मानों हृदय की शूल है

जिसे ना मिला कभी
उसकी जिंदगी की भूल है

हालांकि तकलीफ़ है
फिर भी जीवन का मूल है

ये नजारे फीका फीका
प्रितम के सामने धूल है
---राजकपूर राजपूत''राज''
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