क्या गलत क्या सही है

क्या ग़लत क्या सही है
इस बात पे कुछ नहीं है
जिंदगी है अपनी अपनी
दुनिया तेरी कुछ नहीं है
ये सुख दुःख सब तेरे है
पगले वो तेरा कुछ नहीं है
तू है तो ये दुनिया सारी है
तू नहीं तो यहाॅ॑ कुछ नहीं है
खुद को तलाश लो जिंदगी में
यहाॅ॑ तेरे सिवा कुछ नहीं है
एक दिन में चला जाउंगा "राज़"
चंद गज़लों के सिवा कुछ नहीं है
---राजकपूर राजपूत''राज''



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