कांटों की परवाह नहीं करते हैं

हाॅ॑ पैरों की कठोरता बताती है
कांटों की परवाह नहीं करते हैं

ये आंधियाॅ॑, जाड़े भीषण गर्मी
उनके इरादे कभी नहीं डरते हैं

चलना ही जिंदगी का मकसद है
वो हाथों की लकीरों से नहीं डरते हैं

चकाचौंध की जिंदगी तुम्हें मुबारक
ऊबड़-खाबड़ जमी पे वो सुकून से सोते हैं
---राजकपूर राजपूत''राज''
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