सुख की अनुभूति

सुख की अनुभूति
ज़रूरी नहींं है कि
सच से ही मिलें
यह तो
लोगों के इरादे पर
निर्भर करता है
जिसने अपनी आत्मा को
मारकर
कई सुविधाएं
खरीदें और बेचें है
अपने दिमाग से
चालाकियों से
---राजकपूर राजपूत''राज''
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