चलों ! चलते हैं यार उस किनारे तक

चलों ! चलते हैं यार उस किनारे तक
मंजिल मिल जाएगी उस किनारे तक

लहरें सदा विपरीत ही मिलते हैं यारों
कोई साथ ना देगा उस किनारे तक

जो अंदाजा लगाते हैं लहरों से डरकर
कभी जा नहीं सकते उस किनारे तक

तेरे हौसले का जिक्र होगा सदा यहाॅ॑
सिर्फ जाना है तुझे उस किनारे तक

दर्द सुकूं देता है मंजिल पे जाने के बाद
चलों ! चलते हैं राज उस किनारे तक
---राजकपूर राजपूत''राज''


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