इतनी तो ख़बर है मुझे

इतनी तो ख़बर है 



बेशक इतनी तो ख़बर है मुझे
कब, कैसे, क्या हो गया तुझे

इंसान हो तो इंसान ही रहो
क्यों सच से मुंह छुपाना है तुझे

आइना झूठ दिखाता है मगर
दुसरो का इरादा बताना है तुझे

वो कर के आंदोलित छोड़ देगा
मासुम जज़्बातों को छुपाना है तुझे

---राजकपूर राजपूत




Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ