प्यार उसे भी है मगर शुरुआत तुम्हीं से चाहें

जब प्यार हो जाता है तो मन नहीं लगता है उसके बिना । चाहे किसी भी हालत में रहो लेकिन चाहत उसी की होती है । 

कविता हिन्दी में । 👇👇👇


प्यार उसे भी है मगर शुरुआत तुम्हीं से चाहे
शिकायतें हैं लबों पे मगर हक़ तुम्हीं से चाहे

इश्क़ में दिल की बातें कम होती है अक्सर
मोहब्बत है दिल मेंं तो समझ तुम्हीं से चाहे

आसमान धुला हुआ और पेड़ों पर रंगत है
ये नजारे कुछ नहीं दिल सिर्फ तुम्हीं से चाहे

अब दुनिया में दिल लगता नहीं है मेरा
मैं जहां भी रहूं मगर मेरा दिल तुम्हीं से चाहे 

---राजकपूर राजपूत''


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