poem on helplessness in hindi
जिंदगी को मौत की चिंता थी
और जीने की इच्छा ही नहीं
जो से रो लेना चाहता था वो
और ऑ॑खों में आंसू ही नहीं
कोस रहे थे तुझको ऐ ! खुदा
मौत क्यों गले लगाती नहीं !!!!
poem on helplessness in hindi
किसी ने लिखा कि
स्त्री अच्छी होती है
इतनी अच्छी की
पुरुष सदा गलत होता है
स्त्री पर अत्याचारी की तरह
किसी ने लिखा आदिवासी जीवन
महानता का प्रतीक
सरल, सदा से
जैसे उसमें बुराई ही नहीं होती
किसी ने लिखा
दलित अनंतकाल से शोषित
सवर्णों द्वारा
किसी ने यह नहीं लिखा बुराई सबमें होती है
इंसान हैं सभी
धरती पर सदा स्थायित्व का चरित्र प्रमाण-पत्र देना
पुर्वाग्रही धारणा है
जिसमें एक लेखक चल रहा है !!!!
कहना चाहा
लेकिन कोई सुना नहीं
वामपंथी विचारधारा की तरह
कई तर्क लें आए
अपने विचारों का समर्थन के लिए
भीड़ लें आए
तुम्हें पता है !!!!
भीड़ के साथ ऐसे जी रहा
सदा से पीड़ित हैं
एक अपराधी
भीड़ का फायदा लेना जानता है
लोकतंत्र में
सबसे अच्छा शब्द है !!!!
अभी पूरी तरह से
वामपंथी नहीं बना है वो
केवल भगवान पर सवाल उठाए हैं
किसी एक धर्म की
आस्था पर चोट पहुंचाई है
अभी वो चीन देश की तरह नहीं है
जिसकी नज़र सभी धर्मों पर है
बराबर
निर्दयी !!!!
इन्हें भी पढ़ें 👉 ये दर्द भी कितना मीठा है
राजकपूर राजपूत'राज'
0 टिप्पणियाँ