मोहब्बत है इसलिए -
मोहब्बत है तुमसे इसलिए शिकायत तो होगी
ना करो जमाने की बात अभी शिकायत तो होगी
मुझे शिकवा- गिला नहीं रहा कभी जमाने से
तुम आए जो देर से इसलिए शिकायत तो होगी
ठहरों ज़रा मेरे पास जी भर निहार लूॅ॑ तुम्हें
दिल को आराम हो और ना शिकायत तो होगी
गुजरा कई बार तेरी गलियों से दिल मेंं अरमान लिए
खड़ी होगी छत पे और अचानक मुलाकात तो होगी
बेशक हमारे लब सिले रहे और दिल खिलें रहे
मगर ऑ॑खों ही ऑ॑खों मेंं कुछ जरूरी बात तो होगी
ऐ ! मेरे खुदा इतना अहसान कर तेरे साथ रहूॅ॑
मेरी धडकनों में तुम और ये साॅ॑सें तेरी तो होगी
-----राजकपूर राजपूत
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