yeh dil deewana ghazal in hindi
ये दिल दीवाना है तुम्हें कितना चाहा पता नहीं
मैं तो दीवाना था तुमने कितना चाहा ये पता नहीं
लोग बताते हैं आजकल खोया खोया रहता हूॅ॑
हाॅ॑, कितने लोगों ने समझाया मुझे ये पता नहीं
तुम आएं मेरी जिंदगी में तो सबकुछ मिल गया
मलाल है तेरे बगैर कैसी जिंदगी गुजारेंगी पता नहीं
जब तक ना देखूॅ॑ तुझे ये दिल को करार ना आएं
कितने दफा गुजरा तेरी गलियों से मुझे पता नहीं
ये तेरी मेरी नज़रों की भूल है शायद जो खोया रहा
छुपाया बहुत फिर कैसे लोगों को ख़बर हुई पता नहीं
इश्क का रंग चढ़ा है मुझमें बेशुमार क्या सच है
जमाना बताते हैं और मुझे पता नहीं
दुनियाभर की परवाह नहीं मुझे मगर
तेरे नाम से दिल धड़कता है क्यों धड़कता है पता नहीं
राजकपूर राजपूत"'राज'"
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