Andhi-daud-
समय गुजरते देर कहाॅ॑ लगते हैं । भाई तो नादानी के होते है । अंक्लमंदी आने पर अपने-अपने हितों के ख्याल में दुश्मन हो जाते हैं। शादी हो जाने पर वैसा प्रेम कहाॅ॑ रह पाता है ..? जैसे बचपन में रहते हैं । हाॅ॑, अपवाद स्वरुप एकाध मिल जाएंगे ।
आज दोनों भाई दुश्मन है । पिता के सम्पती में मिलें ज़मीन-जायदाद दोनों भाईयों के लिए पर्याप्त था । फिर भी छोटा भाई संतुष्ट नहीं थे । बड़े भाई से जलते थे । जो भाई बचपन में बड़े भाई के पीछे-पीछे चलते थे । वो आज उसकी खुशियों को देख नहीं पाता था । जमीन-जायदाद के बंटवारे में भी बहुत विवाद किए थे । गांव वाले भी उन दोनों का फैसला नहीं करा सके। कुछ बातें पर बड़े भाई मान जाते थे लेकिन छोटे भाई अपनी मुर्खता पूर्ण बातों से उलझा देते थे । जो चीज़ें दो थी,उसे बांटने में कोई दिक्कत नहीं आई । लेकिन जो केवल एक ही था उसे बांटने में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा । घर में साइकिल एक ही था । बड़े भाई उसे छोटे को देना चाहते थे ताकि साइकिल किसी एक भाई का काम तो आ जाएं । लेकिन छोटे नहीं मानें वह किसी की खैरात में मिलें चीज को नहीं रखना चाहता था और साइकिल को बीचों-बीच से कटवा दिया । कमल अपने हिस्से को वही भाई और गांव वालों के सामने आग से जला दिया । यह कह के कि हम नया खरीद लेंगे । इसी तरह से बैलगाड़ी का भी किया । छोटे भाई के व्यवहार को देख बड़े भाई थक गए थे । कुछ लोगों की मानसिकता ही समझ में नहीं आते हैं । दूसरे के जलन में खुद का ही नुकसान कर लेते हैं ।
Andhi-daud- कपिल यह कहके संतोष करता था कि माॅ॑-बाप का दिया बहुत हैं। बंटवारा होते देर न थी और आंगन के बीचों-बीच एक दीवार खड़ी हो गई।
बड़े भाई अपने आप में बहुत खुश था लेकिन छोटे भाई दीवारों पर कान लगा के बड़े भाई की बातों और कामों की ख़बर रखते थे । प्रतिस्पर्धा भी अपनों के बीच मेंं ही होते हैं ।
बड़े भाई के धान की फसलें अच्छी थी । जबकि छोटे भाई की फसल कुछ कमजोर था । उपर से फसलों में माहू और,तना छेदक रोगों का प्रकोप फैल रहा था । गांव के कई लोगों के खेतों में इसका असर दिखाई दे रहे थे । लेकिन अभी दोनों भाई के खेतों में इसका कोई असर नहीं हुआ था ।
बड़े भाई अपने खेतों को रोज देखने जाते । कही उसके खेतों में भी यह बीमारी ना लग जाए । गांवों में इसी बीमीरी का चर्चा और चिंता सभी को थी ।
घर में कपिल की पत्नी अक्सर कहती कि दवाई का छिड़काव पहले कर लेते तो धान के फसलों की चिंता कम हो जाती । जबकि कपिल का कहना था कि जब रोग ही नहीं तो किस चीज के लिए दवाई डालें और दवाई किस पर असर करेगा..?बेवजह खर्च होगा..! चिंता मत करो,जब बीमारी होगी तब देखा जाएगा। वैसे भी फसल लगभग पक चुकी है और कुछ दिनों में कट जाएगी । पत्नी चुप हो जाती ।
रोज की तरह कपिल उस दिन भी अपने खेतों की ओर घुमने निकले थे । उसके खेतों में खड़ी फसलें लहलहा रही थी । हफ्ते भर के अंदर फसलें कटाने लायक हो जाएगी। उसके खेत से लगे कमल का भी खेत था । बंटवारा वाला । जिसमें वो कीटनाशक का छिड़काव कर रहे थे । पास में ही खड़े एक किसान ने उससे कहा--
"अभी तुम दवाई का छिड़काव कर रहे हो । जबकि फसल हफ्ते भर में कट जाएंगे। पैसा व्यर्थ ही जाएगा ।"
''देख नहीं रहे हो,सबके खेतों में कितनी बीमारियां फैल गई है। पहले से ही कुछ उपाय करेंगे तब जाके रोक सकेंगे। खड़े फसल को भी नहीं छोड़ते ये माहू । ये तो अपनी-अपनी सावधानी है । लापरवाही किया तो साल भर के मेहनत बेकार हो जाएंगी ।"
"इतना ही डर है तो जल्दी कटाई कर लेते । पूरी ज़हर बीजों में जाएगा । और खाने वाले का क्या होगा..?
"
"जिस चीज को कीड़े नहीं खाते हैं उसे ही तो इंसान खाते हैं । फसल खराब दिखेंगे तो कौन खरीदेगा .?'' कमल ने कहा ।
उसकी बातें वही जाने । उस किसान को समझ नहीं आया और वो कपिल के पास आ गया । घर के रास्ते में कपिल से कहने लगा--"तुम्हारा भाई भी अजीब है ।"
Andhi-daud-
"अरे.! क्या बताएं । कभी खेती-किसानी नहीं किया है ।सारे खेती बाड़ी का काम मेरे हिस्से में था । अब आया है खुद पर । कर रहे हैं , बेवकूफी भरा काम..! कौन समझाए.? जो खुद को बड़ा होशियार मानें ।"
"फिर भी ऐसा नहीं करना चाहिए! कोई ना कोई खाते हैं ।"
कपिल कुछ नहीं कह सका। भाई तो उसी का है । कोई कहे तो कपिल खुद से शर्मिंदा महसूस कर जाते थे ।
थोड़े दिनों मेंं ही फसलों की मिसाई-कुटाई का काम लगभग सभी का हो गए और बेचने की तैयारी होने लगी ।
मण्डी में जगह-जगह धान की ढेरियां थी । जिस धान के बीजों को किसान एक-एक दाना इकट्ठा करते हैं । जिसे लक्ष्मी मानते हैं । वहाॅ॑ इधर-उधर ऐसे ही बिना जतन के पड़े हैं । कपिल अपने धान की ढेरियों के पास बैठे थे । और कमल अपने ढेरी को छोड़ कही चला गया था ।खरीददार आ कर अपने हिसाब से बोलियां लगा रहे थे ।जहाॅ॑ दाना होते हैं वहाॅ॑ चिड़ियां जरुर आ जाते हैं । कही से दो चिड़िया आई और कमल के ढेरी पर बैठ कर दाना चुगने लगी । एक-दो दाने चुगे ही थे कि अचानक वही पर गिर पड़ी । जिस पर एक अड़तिया की नजर पड़ गई। उन्होंने जोर से आवाज़ लगाई --
"ये ढ़ेरी किसकी है"
आस-पास के किसानों का ध्यान उस ओर चला गया। कपिल जान गया कि यह ढ़ेरी किसकी है।
सहसा कमल भी दौड़ के आ गया और पूछा--"क्या हुआ,साहब..!"
"क्या हुआ कह रहे हो । कैसी खेती करते हो । उस चिड़िया को देखो । जो मुश्किल से दो चार दाने खाये है और क्या हो गया वो..? कैसे मर गई.। तुम्हारा धान ज़हर हो चुकी है । उपयोग लायक नहीं है । इसे नष्ट करवाना पड़ेगा।"
कमल अचरज में पड़ गया । उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था । उसने कहा-" किसी और कारण से होगा साहब !"
उसकी बातें कहाॅ॑ सुनने वाले थे । तुरंत ही उसे पन्नी से ढक दिया गया। ताकि और कोई जीव- जंतु ना खा सके। मंडी के और साहब आ गए । सभी कमल को भला बुरा कहने लगे । और उससे खेत की पर्ची मांगने लगे । यह सब देख कपिल का हृदय में भाई के प्रति प्रेम जाग गए ।उसे यह समझ आ गया कि यह सब सच है । कमल ने शायद अधिक मात्रा में दवाई का छिड़काव किया है । जिसके कारण ऐसा हुआ ।
उन्होंने कहा--"गलती हो गई साहब!"
और उसने मंडी समितियों के सामने हाथ जोड़कर प्रार्थना करने लगे । किसी भी तरह से ये लोग शांत हो जाएं । यदि पर्ची में कुछ लिख दिया तो न जाने किस नियम से ये बार बार गुजरेंगे ।
कमल को कपिल का इस तरह से गिड़गिड़ाना अच्छा नहीं लग रहा था । वह सोचता था कि इसे तो जैसे मौका मिल गया है । खुब हॅ॑सेगे ! मुझ पर।
मंडी समिति के एक साहब ने कपिल से कहा -"कौन है ये आपके?
"मेरा छोटा भाई है साहब!"उसने कहा !
Andhi-daud-
कमल को कुछ अजीब लगा और वो मुॅ॑ह फेर लिए ।
साहब ने कपिल को ऑफिस में बुलाया तो कमल उसके पीछे-पीछे आ गए और दरवाजे के पास खड़ा हो कर बातें सुनने लगे । ये जरुर छोटी बातों को बड़ी बनाकर कहेंगे।
लेकिन अंदर में कुछ और बातें हो रही थी।साहब, शायद कपिल को खरी खोटी सुना रहा था । जब ध्यान से कमल देखा तो उसके बड़े भाई हाथ जोड़े खड़े दिखे । बेबस होकर,,, जिसे देखकर कमल के मन में शर्मिंदगी महसूस हो रही थी ।
साहब डांट-फटकार रहे थे । कपिल बार बार समझा माफी मांग रहे थे।
"कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल भी सही और असर का ध्यान रखना चाहिए । फसल पकने के बाद करने से उसका असर बीजों में रह जाता है ।जिसका प्रभाव खाने वाले पशु, पक्षियों और इंसानों पर पड़ता है । हम लोग भी किसानों को केवल यही सलाह दे सकते हैं । बाकी उसके विवेक पर निर्भर करता है। किसानों का बुरा हम भी नहीं चाहते हैं । अपने भाई को यह बात समझा देना और उस बीजों को कही ठिकाना लगा दो ।" साहब ने कहा ।
" छोटा भाई है साहब गलती कर गया । दोबारा ऐसा नहीं होगा । मैं वादा करता हूॅ॑। " कपिल मानों राहत की सांस ली ।
इधर कमल को आत्मग्लानि हो रहा था । मैं अपने बड़े भाई से व्यर्थ ही जलता हूॅ॑ । वह तो बचपन से मेरा ख्याल रख रहा है । मैं ही बुरा हूॅ॑ । जो दुश्मन समझता हूॅ॑ ।
दरवाजे से निकलते ही अपने बड़े भाई के पैरों में गिर गया । माफी मांगने लगे । जिसे देख कपिल का हृदय करूणा से भर गई । बरसों से बिछड़े भाई आज मिल गया था । कमल को साहब और वहाॅ॑ पर जितने किसान थे सब उसे मुर्ख दृष्टि से देख रहे थे । लेकिन उसे अब परवाह नहीं था । क्योंकि उसके पास बड़ा भाई था ।
उस दिन से कमल अपने सभी कामों में बड़े भाई का सलाह जरूर लेते थे । उन दोनों के बीच की दूरियां मिट चुकी थी । दोनों भाइयों के जीवन में प्रेम और विश्वास लौट आ थे ।
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