ये सच है कि सफर में तो कुछ तो होगा
ये सच है कि सफर मेंं कुछ तो होगा
जहाॅ॑ जरुरत है वहाॅ॑ कौन चुप तो होगा
कठिन है रास्ते बेशक चलना तो होगा
कांटों के संग-संग फूल भी तो होगा
कदम तेरे लड़खड़ाए ना सम्भाल जरा
स्वागत मेंं बहार के तुम्हें जाना तो होगा
इंसान की फितरत है कि भूल जाते हैं
जब जरूरत होगी तो तू अकेला तो होगा
किसे मंजिल मिली है आसानी से
कभी दुःख है कभी सुख तो होगा
___राजकपूर राजपूत
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