तेरे आने के बाद

तुम्हारे आने से 


तेरे आने के बाद
लगता है
मेरे आस-पास
रौशनी फैल  गई
तन्हाई मिट  गई
मेरे कदमों में चपलता
बातों से बेफ्रिक 
दुनिया में रहना
नहीं है कोई किरकिरी
करे केवल तुम्हारी बात

तेरे आने के बाद

तेरी सूरत जो मेरे सामने में
तो रहूॅ॑ चाहे किसी कोने में
दिन गुजर जाता हैं
प्रेमगीत गुनगुनाने में
जैसे उपवन में नाचे कोई मोर
झुम-झुम के मचाए शोर
काले-काले बादल-
छाने के बाद

तेरे आने के बाद

एक मिलन की-
हुक उठता हैं
तेरे अहसासो में
सुरक्षित घेरा मिलता है
तेरे मधुर मुस्कान
मेरे देखने के बाद

तेरे आने के बाद

नहीं भाते नहीं सुहाते
ये बनावटी बातें
ये दोस्तों से मुलाकातें

देखता हूँ पुरा चाॅ॑द
मेरे अंगने में
आने के बाद

मेरे जिस्म से -
रोशनी निकलती हैं
तेरे आने के बाद

--- राजकपूर राजपूत



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