वक्त को देख जमाने बदल गए

Change of Time and Man 

वक्त को देख जमाने बदल गए
ये लाजमी है हमारे ही नजरिए बदल गए

पत्थर पे लिखी बातें जो बरसों की थी
इस दौर में कोरे कागज में बदल गए

रट लगाए बैठे हैं घोर कलयुग है
इसी अक्लमंदी में इरादे बदल गए

औंधे मुॅ॑ह गिरे हैं उसकी औकात ही क्या
सीधे खड़े हैं उसके मूल्य बदल गए है 

कहते हैं गली -मोहल्लें में शोर है बहुत
मस्ती में पीके शराब भाई-भाई बदल गए

बड़े अरमानों से औलाद को तालीम दी
बहू के डर से माॅ॑-बाप बदल गए

चतुराई के लफ्ज रखे हैं कई "राज़"
शहरों को देख, गांव के इरादे बदल गए

लूट की दुनिया में ढूंढो अपनी जिंदगी
सहुलियत के हिसाब में ईमान बदल गए !!!!

Change of Time and Man 


वक्त नहीं बदलता
बदलते हैं लोग
पैसा नीयत नहीं बदलता
पैसा देख बदलते हैं लोग
यूं किसी की बातों पे आते नहीं
जब तक नहीं चाहते हैं लोग
जब खुद को भाया तब अपनाया 
किसी की संगति में बदलते हैं लोग !!!

इन्हें भी पढ़ें 👉तुम्हारा प्रेम कविता 


___राजकपूर राजपूत'राज'

Change of Time and Man




Reactions

एक टिप्पणी भेजें

2 टिप्पणियाँ