विशेष दिवस -उन दिनों से भिन्न जो सामान्यतः होता है । visv paryavaran divas poem Hindi कुछ विशेष घटना, कारण, संदेश आदि देने के उद्देश्य से मनाया जाता है । ताकि हम सब लोगों को स्मरण रहे और स्थानांतरित कर सके अपने आने वाली नई पीढ़ी को । उस दिवस का ज्ञान, महत्व, उद्देश्य आदि को । समझाया जा सके । हमें क्या करना चाहिए । इन्हीं संदेशों को पहुंचाने के लिए दिवस मनाने की परंपरा शुरू हुई है । लेकिन समय के साथ हम भूल जाते हैं तथा लकीरें पीटने लगते हैं । आइए इस पर पढ़ते हैं कविता 👇👇
visv paryavaran divas poem Hindi
(१)
दिवस तो बहुत मनाते हैं
उनकी यादों में
जिन्होंने करके दिखाया है
उन चरित्रों को
जिसे सामान्य लोगों के लिए कठिन है
बहुत कठिन
जिस पर चलना
हम याद करते हैं
किसी खुले स्थान में
कभी भीड़ में
कभी एकांत में
एक दिवस के रूप में
जबकि सत्य यही है
दिवस के बदलते ही
भूल जाते हैं
उसका महत्त्व, लाभ !!
(२)
एक दिवस की तरह
तुमने एक दिन याद किया मुझे
उसके बाद भूल गए
समान्य दिनों की तरह
तुम्हारे प्यार का स्वागत
दिन विशेष में जागता है
बाकी दिनों में
तुम कुछ और हो !!!
(३)
विशेष दिवस आ गया है
अब तुम्हारे भाव का प्रदर्शन होगा
शिक्षित और जागरूक इंसानों की तरह
व्याख्यान दोगे ऐसे
जैसे तुम बड़े हो
विशेष दिवस से !!!
(४)
तुम्हारी तत्परता
विशेष दिवस में अच्छी रहती है
बाकी दिवसों में
उदासीनता
जागरुकता है या दिखावा !!!!
विश्व पर्यावरण दिवस
(५)
पेड़ नहीं मना रहा है
पर्यावरण दिवस
आदमी मना रहा है
बड़ी धूमधाम से
क्योंकि उसे पता है पेड़ की अहमियत
घर चोखट पे लगे तो इज्जत
सोफ़ा बने तो सम्मान
घर की दीवारों पर लगे ईटों को
पकाने के लिए जले तो
ठंडी छांव सपनों की
चैली भाड़ा बने बांस का
तो अरमान बरसों का
जिसकी पूर्ति में
रात दिन एक करता है
आदमी
पैसा कमाने में
और बना लेता है
अपना आशियाना
लेकिन भूल जाते हैं
अपने घरों में
एक कोना
पेड़ों के लिए !!!
कितना कुछ छूट गया
एक पेड़ का
पहले उसके जगह छीने
फिर जगह दी
घर का एक कोना
जहां तो
एक चिड़िया भी नहीं आती
मधूर कलरव करने
गिलहरी भी नहीं फुदकते हैं
कोयल भी गीत नहीं गाते
तुम भी नहीं सुस्ताते
उस पेड़ के नीचे
घर में लगा एसी,कुलर
के बीच बतियाते हो
आज विश्व पर्यावरण दिवस मनाते हो !!!
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