कभी कभी जीवन में ऐसे लोग भी आ जाते हैं ।Prem-main-dhokha-kavita-hindi
जिसे दिल अपना बना बैठते हैं मगर वो उस लायक भी नहीं होते हैं ।जिसे चाहा जाय । जब दिल ही आ जाए तो दिल को समझाना बहुत मुश्किल हो जाता है । दिल दिमाग पर हावी हो जाता है । दिमाग कितने भी लगे मगर दिल के आगे विवश हो जाता है ।
इस पर कविता हिन्दी में 👇👇
Prem-main-dhokha-kavita-hindi
तुम देखना अपने दिल को
कहीं बेगैरतों से मोहब्बत तो नहीं किया है
तुम संभाल लेना खुद को
कहीं बेगैरतों की गली में
तुने कदम तो नहीं रख दिया है
समझा लेना अपने मन को
उठने वाले विचारों को
उसकी लहरों को
हृदय में उठने न पाए
प्रेम का ज्वार - भाटा
वर्ना ठोकरें खाते रह जाओगे
अपने ही किनारे पर !!!
प्रेम में धोखा
मैं और जीना चाहूंगा
क्योंकि मेरा प्रेम अधूरा है
तुम समझो या ना समझो
ये जीवन मिथ्या है
मृत्यु सत्य है
इसलिए प्रेम गीत गाऊंगा
मैं और जीना चाहूंगा
वहीं तक जहां जीवन जाता है
विश्राम पाता है
अपने अनंत विस्तार में
समाहित हो जाता है
मैं देखना चाहूंगा
मैं और जीना चाहूंगा
नदी की उछलकूद को
किनारों से टकराते
उसकी धारा को
जहां मैं संगीत सुन पाऊंगा
मैं और जीना चाहूंगा !!!
टूटे मन
रूठे हुए दिल और टूटे हुए मन
लाख समझाओ उसको नहीं मिलेगा अपनापन
नफ़रत है उसके सीने में तो लफ़्ज़ों में उतर आया
उसके दिल की नीयत अब तू पहचान
जिस ओर उसकी दिल्लगी होगी, वहीं उसकी खुशी होगी
तुझसे मिलकर उसकी उदासीनता झलकती है उसके दिल में क्या पहचान !!
निभाया जा सकता था रिश्ता मगर तोड़ दिया
बेवजह यूं ही साथ छोड़ दिया
हमने न शर्त रखी न वादा लिया
प्यार के नाम पे उसे डर वो गया रिश्ता तोड दिया !!!
प्रेम में जो वादा करते हैं
बेवजह दावा करते हैं
सूरज और चांद कभी वादा नहीं किया है
लेकिन निकल आते हैं
हर सुबह और रात में
लेकिन प्रेमी कई वादे करके
बेवजह संबंध को
उलझाया है !!!
हमने न बातें की
तो तुम भी बातें न की
एक प्रतिस्पर्धा थी
तुममें
अलग होने की
जिसे हमने कई बार
झांका
तुम्हारे भीतर
जहां मोहब्बत नहीं थी
इसलिए झुकता चला गया
इतने हद तक
जहां मेरी क़ीमत नहीं थी
तुम्हारी नज़रों में भी
मेरी नज़रों में भी !!!
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प्रेम में धोखा |
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