मैं खुद ही सहला लूंगा दर्द अपना -प्रेरणादायक कविता

प्रेरणादायक हिंदी कविता-

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मैं खुद ही सहला लूंगा दर्द अपना

बस अकेले छोड़ दें संसार अपना


बेशक ये वक्त अभी सितम ढा रहे हैं

तुम न हंसो मैं सफ़र कर लूंगा अपना


माना तुझमें काबिलियत होगी मगर

मेरी कोशिश जारी है भाग्य बदलेगा अपना


तुम सफल हो जाओगे और मैं मर जाऊंगा

जिस दिन तुझे देख के जगा लूंगा डर अपना


लाख साजिश कर लो मेरी बर्बादी की

मगर हर मोड़ पे साथ है भगवान अपना !!

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मैं दर्द अपना सहला लूंगा

किसी गैर को न बताऊंगा

हंसकर दर्द छुपाऊंगा

इस तरह मुस्कुराऊंगा

अपना दर्द सहलाऊंगा

गैरों को न बताऊंगा !!!


दर्द बताओं उसे

समझें जिसे

न खरोंचे गहराई तक

मर्म का मरहम लगाएं

देर तक

दर्द बताओ उसे !!!!


मैं खुद ही सहला लूंगा दर्द अपना

किसी गैर को बता कर 

क्यों बढ़ाऊंगा दर्द अपना !!!


मैं खुद ही अपना दर्द सहलाऊंगा लूंगा

दर्द हो तो छुपा लूंगा

लोग अपने हितों के खातिर सचेत हैं

लूटते हैं लूटने के लिए तैयार रहूंगा !!!

सुनेंगे कौन

कहेंगे किसे

तेरी शिक्षा दीक्षा

अपने हित मांगे जिसे  !!!!


प्रेम में हारा हुआ आदमी

खुद के अस्तित्व को

खुद ही मिटाया हुआ आदमी 

अब शिकायत करेगा किससे

भरा है दर्द से हारा हुआ आदमी

एक उम्मीद क्या बनी सबकुछ लुटा गया

प्रेम में लाश बना हुआ आदमी !!!!


पत्ते झड़ गए

बसंत के आने से

स्वागत कुछ इस तरह की

बसंत का !!!!

दोस्ती पर दो शब्द/जरूर पढ़ें 👇👇👇👇❤️

-rajkapur rajput
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