Doglapan-ak-chalaki-logo-ki- एक चालाकी है

दोगलापन का अर्थ है -Doglapan-ak-chalaki-logo-ki एक ही बात को दो तरह से कहना  ! अपने लिए कुछ और तथा दूसरों के लिए कुछ और । दोगलापन - ऐसा नहीं है कि एक खास वर्ग समूह द्वारा किया जाता है ।यह वो राजनीतिक हथकंडा है जिसे आजकल हर कोई अपना रहे हैं । चाहे साहित्यकार हो या फिर आम व्यक्ति । सबने इसे अपने बचाव के लिए हथियार के रूप में किया जा रहा है ।  

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ये सब दोगलापन है -

 साहित्यकार है इसलिए सवाल छोड़ आए हैं

नफ़रत है सीने में तो प्रेम छोड़ आए हैं 

देशभक्ति की भावनाओं को कम करना है

अपने लेखन में एजेंडा छोड़ आए हैं

वो जानता था सच की कमजोरियां

सवाल कम करे प्यार ज्यादा करे

नकारात्मकता झूठ वहां छोड़ आए हैं

कहां की बातें कहां ले जायेगी उसकी मोहब्बत

कहीं का रोड़ा कहीं की ईंट नफरती मकान जोड़ आए 

अच्छा है उसके ज्ञान की तारीफ भी दोस्तो

बचना है सच से इसलिए सच्ची खुशी छोड़ आए 


लिख नहीं पाते

कोई लेख कोई कविता

जिसमें लिखे जाते हैं

अपने उत्तम विचार

बिन हिन्दूओं के

उनके विचारों पर विचार

नहीं बना पाते कोई

बिन हिन्दूओं के

जिसमें उसको वाहवाही मिलें

अन्य पथ पिक्स है

अपनी आस्था से बाहर निकलना

इसलिए 

सारा ज्ञान

हिन्दूओं को लक्षित किया गया है !!!


कितना कायर है वे लोग

जो संजीदगी भरें लोगों को कह सकते हैं

लेकिन जड़ बुद्धि को

छू भी नहीं सकते हैं

फिर भी खुद को

बुद्धिजीवी कहते हैं

कैसे दोगलापन दिखाते हैं !!!!


बचने की कोशिश की

खतरा देखकर

नदी की धार से

पहाड़ की उंचाई से

आग से

सूखापन से

भयभीत रहा

जीवन उसका

इसलिए सचेत की अवस्था सृजित किया

जब नदी पहाड़ पर

पुल, सड़क बने

आग से पानी की व्यवस्था की

सूखापन के लिए बांध बनाए

सुरक्षित महसूस किया

लेकिन लोगों की चालाकियों का

तोड़ नहीं निकाल पाए 

मतलबी लोगों से

आतंकवादियों से

आज भी डरा हुआ है

इसलिए बचने की कोशिश की

ताकि सुरक्षित रहे !!!!

इन्हें भी पढ़ें 👉 राजनीति क्या है 

-राजकपूर राजपूत 


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