दूर बहुत चला जाऊंगा -कविता far-far-gone-will-go-poetry-hindi-love-of-literature-life

 मैं धीरे - धीरे ही सही मगर
far-far-gone-will-go-poetry-hindi-love-of-literature-life

बहुत दूर आ गया
तुने आवाज दी मगर
मैं बहुत दूर आ गया
जब ठहरा तेरे पास
तो कद्र न जानी
तेरी भलमनसाहत की बातें
मुझे रास न आई
तुने दावा किया बहुत
मगर प्यार न आया
तुम यकीन दिलाते रहे
मगर मुझे भरोसा न आया
जैसी मेरी चाहत थी
वैसी चाहत न मिली
तुम झूठ बोलते रह गए
मैं सच समझता आ गया
तुमसे बहुत दूर आ गया

तुम समझ न पाए
कभी मेरी पीड़ा
मेरी भावनाओं से
तुम करते थे क्रीड़ा
मैं समझता रहा
तुम समझ जाओगे
आज नहीं तो कल
मेरा प्यार पाओगे
मगर तू हंसी मज़ाक में
दिल तोड़ता रह गया
इसलिए छोड़ तुझे
मैं बहुत दूर आ गया !!

far-far-gone-will-go-poetry-hindi-love-of-literature-life

 
मैं गलत तुम सही 
अभी वक्त मेरा नहीं 
एक दिन तुम समझ जाओंगे 
तुम गलत मैं सही !!!

हंसी छूट ही गई 
सखी रूठ ही गई 
जब दर्द का अहसास हुआ 
हंसी रूक ही गई 

रोते-रोते आंसू न गिरे 
हाथ मिलाया, गला मिलाया 
मगर दिल न मिले 
आखिर कब तक रहेगा 
वो पास मेरे 
ये दिल का 
खास मेरे 
गैरों सा अहसास हो जाऊंगा 
मैं बहुत दूर चला जाऊंगा !!!!!

इन्हें भी पढ़ें 👉 मेरे मर जाने के बाद 

far-far-gone-will-go-poetry-hindi-love-of-literature-life



Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ