छुट्टी का इंतजार सबको होता है । Holiday-day-poetry-hindi-meregeet-literary-life आखिर सप्ताह में एक दिन मिलता है । जिसे कुछ लोग योजना बनाकर बिताते हैं । कुछ सोने में बिताना चाहते हैं तो कुछ लोग घर के शेष काम को निपटाकर । लेकिन जैसे भी हो छुट्टी का दिन ऐसे बीतते हैं , जैसे अवकाश मिला ही नहीं हो । और कब ड्यूटी का दिन आ जाता है । पढ़िए इस पर कविता 👇👇
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(१)
कहने को छुट्टी का दिन
एक अलसाया हुआ दिन
देर तक सोना है
फुर्सत को खोना है
दिन गुजर जाता है
खाने - पीने - सोने में
यूं ही गुजर जाने में
व्यवस्थित जीवन छूट जाता है
आदमी क्या पाता है
क्या खो जाता है
छुट्टी का दिन !!!
अवकाश का दिवस
(२)
कल छुट्टी का दिन है
आज ही प्लान बना लिया
कल देर तक सोया रहूंगा ...
(३)
आज इतवार है
उसे मुझसे प्यार है
मिली है फुर्सत की घड़ी
बैठ बतियाएंगे बागों में बहार है
होगी गुफ्तगू इधर उधर की
कभी प्यार है कभी तकरार है
बस वक्त निकाल लेना मेरे लिए
तेरे भरोसे ही मेरा संसार है !!!
(४)
पूर्व से खुशी थी
कल छुट्टी है
पूर्व की खुशी थी
छुट्टी की
जब दिन आया
छुट्टी की
अलसाया हुआ था !!!
(५)
छुट्टी उनकी ही सही है
जो काम के दिन
काम नहीं करते
मन नहीं लगाते
जिनको मुश्किल होता है
करने में ड्यूटी
उनकी ही छुट्टी !!!
छुट्टी का दिन
बचने का दिन
ड्यूटी से
जो बहाने करते हैं
अपने व्यक्तिगत दिन के लिए !!!
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