Many-questions-raised-Hindi-Ghazal
जब ध्यान भटकाया जाता है । गोल-मोल जवाब दिया जाता है । जो मसले नहीं जानते हैं । वह अपनी उपस्थिति विद्वत्ता के साथ देते हैं । ध्यान भटकाकर । निश्चित ही उलझ जाते हैं , साधारण सुनने वाले ।
जो जानते हैं । जरूर कुछ बातें छुपाते हैं । या तो उदासीन है किसी के मसले पर या फिर व्यक्ति से । कोई रूचि नहीं । सटीक जवाब देने के प्रति ।
कई सवाल एक साथ निकलते हैं
उसके शब्दों में कई अर्थ निकलते हैं
कहा उसने झूठ मगर सच के बराबर
सियासत में कई अर्थ निकलते हैं
आलोचना की मगर नेक इरादे नहीं
सुधार नहीं मिले थकान निकलते हैं
आदमी का यकीन करें तो करें कैसे
मतलब में अक्सर साथ निकलते हैं
अक्लमंदी की बातें केवल बातें हैं
झूठे लोगों के मुंह से क्यों निकलते हैं !!!!
Many-questions-raised-Hindi-Ghazal
परिभाषाएं सच की
अब गढ़ने लगी सुविधा की
ईश्वर को नहीं मानता है
लेकिन एक गला काट देता है
तब चुप हो जाता है
पाखंड है उसका भी ज्ञान
देश से पहले मुफ्तखोरी पे ध्यान
देश विकास करें तो चुप हो जाता है
उसने अम्बेडकर वादी होने पर गर्व है
आरक्षण ही जिसके लिए सर्व है
आलोचक हैं रूढ़िवादी वादियों का
लेकिन बन नहीं पाएं अच्छे चरित्र का !!!!
इन्हें भी पढ़ें 👉 साहित्य और समाज
- राजकपूर राजपूत
0 टिप्पणियाँ