हर रात की तरह
मुलाकात की तरह
ख्याबों में मिलते रहे
मैं और तुम
हर बात की तरह
अहसास की तरह
गुफ्तगू करते रहे
ख्यालों में
मैं और तुम
हर रात की तरह
मुलाकात की तरह
ख्याबों में मिलते रहे
मैं और तुम
हर बात की तरह
अहसास की तरह
गुफ्तगू करते रहे
ख्यालों में
मैं और तुम
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