poetry love - baarish
तुम्हारे प्यार की बारिश
जब भी बरसी है
मेरी रंगत बढ़ जाती है
हर्षित मन और
जीवन में खुशियॉं बढ़ जाती है
नया-नया-सा
हर दिन लगता है
तेरे सिवा
मेरा दिल कहॉं लगता है
जमाने में
तेरी बारिश की बूंदें को
समेटने की कोशिश होती है
हृदय में
मैं खोया रहता हूॅं
तुम्हारे प्यार की बारिश में
हर पल !!!!
जेठ की दोपहरी
भीषण गर्मी और अब नहीं हरी
न पेड़ न पत्ते
तपते- तपते आषाढ़ आ गया
आस लिए
खुद के भीतर प्यास लिए
बरसेंगे बादल
घनघोर अहसास लिए
एक बूंद की प्यास में
तपती जमीं !!!
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