dilon-main-mohabbat-- मोहब्बत है तो सबकुछ सही - सही । बातें मीठी, मुलाकातें मीठी । लेकिन दिलों में नफ़रत आ जाने से । उसी इंसानों के भीतर घृणा आ जाती है । सभ्यता के दिखावटीपन में लोग मोहब्बत से ज्यादा दिखावटीपन को संभालें हुए हैं । दिल में मोहब्बत मिटा कर नफ़रत ले आए हैं ।
इस पर कविता हिन्दी में 👇
dilon-main-mohabbat-
मत होने दो
दिलों में नफरत
मत होने दो
दिलों में अधूरी हसरत
जिंदगी अपनी अपनी है
फलने-फूलने दो
दिलों में मोहब्बत
कौन यहां ले के जाएगा
कौन यहां क्या पाएगा
जो मिले सो बांट दो
सिवाय नफ़रत के
मोहब्बत !!!!
dilon-main-mohabbat-
लोग यह भूल जाते हैं
छोटी सी बातों पे क्या कर जाते हैं
नफ़रत आ गई दिलों में तो
बरसों के प्यार भूल जाते हैं
घमंड करना है उसे किसी बहाने से
बेवकूफी को स्वाभिमान कह जाते हैं !!!
तुमने कभी मेरी बातें सुनी नहीं
दी अपनी अहमियत किसी सुनी नहीं
कुछ बातें ऐसी होती हैं बिन कहे ठीक है
दी आवाज मगर तुमने समझीं नहीं !!!
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