ये मौसम सुहाना हुआ तेरे आने से

मेरी जिंदगी जन्नत हुई तेरे आने से
ये मौसम सुहाना हुआ तेरे आने से

उदास था सफ़र मेरा तन्हा था ऐ दिल
अब महकती है जिंदगी तेरे आने से

भटक रहा था जाने क्या ढूंढ रहा था
तलाश मेरी खत्म हुई तेरे आने से

और भला मैं अब क्या चाहूॅ॑ जिंदगी
सब-कुछ मिल गया है तेरे आने से
---राजकपूर राजपूत''राज''
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