दिशा हीन जिंदगी दिशाहीन है लोग Directionless Life Ghazal Hindi

Directionless Life Ghazal Hindi 
दिशा हीन जिंदगी दिशाहीन है लोग
उन्मादी है सभी सुनते कहाॅ॑ है लोग

चाहत बदली तो इरादे भी बदल गए
मंजिल पे अब ठहरते कहाॅ॑ है लोग

तर्को से बहलाना ही मकसद है जिनका
किसी के भरोसे को मानते कहाॅ॑ है लोग

सभ्यता की बातों से सभी शरीफ़ हैं
असल में ऐसे मिलते कहाॅ॑ है लोग

कहना आसान है 'राज़' चलना कठिन
खुद के अंदर झांकते कहाॅ॑ है लोग !!!!

Directionless Life Ghazal Hindi


झूठ और अफवाहें फैला कर
तुने साबित करना चाहा मुझे गिराकर

मेरी अहमियत क्या है तेरी जिंदगी में
जलाया बहुत दुश्मनों से मिलकर

अफवाहें नफ़रत की चरम सीमा थी
अब क्या मिलेगा मुझे तुझे अपनाकर !!!!


तुम्हारा स्टेटस लगा था और मैंने नहीं देखा
तुम नाराज़ हो गए व्हाट अप मैंने नहीं देखा

तुम मिलते हो सोशल मीडिया पर
अपनी हैसियत डाली सोशल मीडिया पर मैंने नहीं देखा !!!!

सोशल मीडिया से ज्ञान लेकर
तुम मुझे आजमाते हो
पता है तुम्हें मुर्खों का राज है
खुद मुर्ख बन जाते हो !!!!

---राजकपूर राजपूत''राज''
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