Vision Poem in Hindi
उपयोगिता की दृष्टि
भाग दौड़ की सृष्टि
थक जाओगे तुम
नहीं मिलेगी संतुष्टि !!
जब से मनुष्य
उपयोगिता का अर्थ
सुविधाओं से जोड़ा है
फायदे की ओर मोड़ा है
अपनापन छोड़ा है
नहीं होते जज़्बाती
मतलबी दर्शन की आदी
मतलब निकल गए
पहचान नहीं आती
कोई रिश्ते !!!
Vision Poem in Hindi
जमाना नहीं बदला है
दृष्टि बदलीं है
अपनी सुविधा से
सृष्टि बदली है
पारिस्थितिक तंत्र
बदला है
आदमी की दृष्टि के हिसाब से !!!
सृष्टि
बहुत ध्यान से रचते हैं
अपने ज्ञान से रचते हैं
धैर्य रखना
लक्ष्य रखना
श्वान जैसे
जागरूकता
मतलब में रूकता !!!
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