अब प्यार करना सीख Now Learn to Love Poem

Now Learn to Love Poem 
जैसे हो वैसे दिख
पहले जीना सीख

सवाल करने से पहले
जवाब देना सीख

तोड़े हो जज़्बातों को
रिश्तों को जोड़ना सीख

दोगलेपन में क्या है
खुद में झांकना सीख

अच्छी है मीठा बातें से
उस पर शक करना सीख

मारना सरल है राज़
अब प्यार करना सीख  !!!

Now Learn to Love Poem



मैं जो भी बोलूंगा 
उसको तौलूंगा 
कितना असर 
कितनी ज़हर 
बात रखूंगा अपने धर्म पर 
तुम उसमें तर्क लें आना 
अपनी सुविधा से फर्क लें आना 
और कमजोर कड़ी बनाकर 
पेश कर देना 
दोहरे मानदंडों से 
तेरा दोगला हो जाना 
मुझे अच्छा नहीं लगा !!!!

---राजकपूर राजपूत''राज''

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