sharab par ghazals hindi
आदमी शराब क्यों पीते हैं
उदासियों में ही क्यों जीते हैं
रौनक नहीं उसके चेहरे पर
शिकायतें करके ही पीते हैं
दुःख, तकलीफ है घर परिवार से
इसलिए एक पैक बस पीते हैं
जिसे डरते हैं वो दिन भर
उसी ग़म को भर भर पीते हैं
जो ना समझे उसकी औकात
उसको गिलास में डाल के पीते हैं
उसकी औकात पहचानो यारों
जो चखना बिना ही पीते हैं
समझदार उससे बड़ा कोई नहीं
जो अपनी जेब से नहीं पीते हैं
वो कसम खा ले लाख मगर
कुछ बहाने से जरूर वो पीते हैं
उससे बड़े बेवकूफ कोई नहीं "राज"
जो माॅ॑-बाप की कमाई उड़ा के पीते हैं !!!
sharab par ghazals hindi
शराब
नहीं खराब
जो रिश्ते से दूर है
अपने में चूर है
मिला देता है
शराब
दिल की बातें
दिल के अरमान
मचला देता है
शराब
जो कह नहीं पाते शरीफों से
अपने करीबों से
खोल देते हैं द्वार
उन से बेहतर
जो चालाकी से बंधे हैं
मतलब पर सधे हैं
कभी खोलते नहीं पत्ते
अपने मतलब के अच्छे
बनावटी बातों से सच्चे हैं
जो ठस से मस नहीं होते हैं
तथाकथित विद्वान होते हैं
उसे भी पिलाई जाय
शराब
तब पता चलेगा
कितनी नीयत खराब !!!!!
राजकपूर राजपूत
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2 टिप्पणियाँ
Bahut khub
जवाब देंहटाएंRight
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