ये कौन आया बादलों की ओट से

मेरा प्रेम यही कहीं है । जिसे मेरी नजरें हमेशा तलाश करती है । मुझे यकीन है एक दिन मिल जाएगी । जिसका अहसास मुझे हर पल होता है । 
कविता हिन्दी 👇👇

ये कौन आया बादलों की ओट से 


ये कौन आया बादलों की ओट से
बदन छु लिया मानों अपने होंठ से
पुलकित,,हर्षित हो गया अतस मेरा
वो हृदय ले गया अपने पास मेरा
प्रतिदिन ऑ॑खों से ऑ॑सू की धार बहे
पीड़ा अंतर्मन की अब हम किससे कहें
गरजो बरसों रे काली-काली बदरिया
मेरी ॲ॑खियों की प्यास बुझे ओ मेरे पिया
हवा के संग -संग तेरी यादें आई है
तुम नहीं आएं इसी बात की रुसवाई है
मैं ढूंढता हूं तुझे हर जगह मेरे यार
तुझ बिन सुना - सुना है मेरा संसार 
---राजकपूर राजपूत

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