सच मासुम है Kavita is Really Innocent

Kavita is Really Innocent 
सच आज भी मासुम है
केवल उसे झूठ ने तोड़ा है
सुविधानुसार,, मनमाफिक
इरादों से मोड़ा है
ताकि,,,
सच का सहारा पा सके
और उसकी चालाकियां चल सके !!!

सच सबको मालूम है 
लेकिन कौन मानें 
कौन जाने 
सच में तकलीफ़ बहुत है 
झूठ में सुविधाएं 
इसलिए सब अपनाएं 
क्या राजनेता 
क्या व्यापारी 
क्या बेगाने 
क्या यारी 
सबमें मतलब निकालने की हुनर 
चालाक बनने की 
सबकी तैयारी !!!!!

Kavita is Really Innocent

सच मासूम हैं 
लेकिन इतना नहीं कि 
लड़ा ना जा सकें 
बस गिरना नहीं चाहता 
झूठ की तरह  !!!

उपयोग 
हर कोई कर लेता है 
सच को 
सुविधानुसार 
यह जानते हुए 
फ़ायदे नहीं है 
लेकिन इसकी आड़ में 
झूठ निकल जाता है 
सुविधाएं बनाने के लिए !!!




---राजकपूर राजपूत''राज''


Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ