सच्चाई दबती नहीं

सच्चाई छुप नहीं सकती
किसी की चालाकियों से
गहरा हो तालाब तो क्या
ऊपर आ ही जाते हैं
मछली के मर जाने से
बदबू फ़ैल जाती है
दूर तलक ,,हवाओं से
सच्चाई दबती नहीं
किसी के छुपाने से
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