जो है सो है
जो है सो है
इसमेें ज्यादा क्या कहना
जीना मुझे तेरे सहारे
और क्या कहना
आंखों ने पढ़ ली दिल की बात
जुबां से क्या कहना
लोगों का काम है कहना
मेरा काम है लगातार चलना
मुझे मतलब है क्या जमाने का क्या कहना
मुझे तेरे प्यार में है रहना
तुम्हें चाहता हूं अपनी ऑंखों से
मुझे मतलब नहीं जमाने की बातों से
तुम्हें भी महसूस हुआ होगा मुझे देख के
जो है सो है
फिर क्यों जमाना जलता है हमें देख के
जो हूं सो हूं
जो है सो है
ज़माना और मैं
---राजकपूर राजपूत''
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