Yeh Karona Kaal Mein Kavita Hindi
ये करोना काल भी अजीब है
डर लगता है जो करीब है
तुझे देखता हूॅ॑ अब मैं दूर से
क्या यही मेरा नसीब है
सोचा नहीं था ऐसा वक्त आएगा
कि आदमी बहुत गरीब है
जाने क्यों ऐसा लगता है" राज़"
ये करोना मेरी तकरीब है !!
जीवन बेहतर के लिए विकास किया
बेहतर करते करते विनाश किया
ये प्रयोग ये आजमाना उसका
रोज मानव मूल्यों का हास किया
जो निभाते हैं सामाजिक दायित्वों को
उसका नित उपहास किया
व्यक्ति बड़ा है हर किसी से
एक दूजे से अलग-अलग अहसास किया
-राजकपूर राजपूत
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