एक एक शब्द तेरा झूठ था

एक एक शब्द तेरा 



एक एक शब्द तेरा झूठ था
जैसे जंगल में लकड़ी का ठूंठ था

यहां जंगल की हरियाली गायब है
बताओं कैसा तेरा लुट था

आदमी की जात है याद रखो
जाओगे जिस दिन खाली हाथों में कुछ था

इतना एतबार था तुझपे मुझे
क्या प्यार तुझे भी मेरे लिए कुछ था 

---राजकपूर राजपूत''
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