अब लोग वही करेंगे -कविता

अब लोग वही करते हैं
जैसे जमाने करते हैं
बहुत कम लोग मिलेंगे
जो अपने भरोसे चलेंगे
दिखना अलग बात है
चलना अलग बात है
चालाकियां से हां मैं हां कहेंगे
मगर इरादा कुछ और रखेंगे
प्रसिद्ध ही सब-कुछ है यहां
किसी भी का गला काट देंगे
---राजकपूर राजपूत
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