Barish ho jane ke baad
बारिश हो जाने के बाद
पेड़ों की रंगत बढ़ जाती है
कुछ मुसीबत झेल जाने के बाद
आदमी की हिम्मत बढ़ जाती है
रूठने मनाने की आदत है
हर शिकायत के बाद मोहब्बत बढ़ जाती है
उसने धोखा क्या दिया
उससे नफ़रत बढ़ जाती है
आदमी में अब मासुमियत नहीं है
जितना पढ़ दुनिया को सियासत बढ़ जाती है
---राजकपूर राजपूत
2 टिप्पणियाँ
Bahut Sundar
जवाब देंहटाएंधन्यवाद 🙏
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